बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: : what's App no 9971065525 DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं CD-Live YDMS चुनावदर्पण https://www.youtube.com/channel/UCjS_ujNAXXQXD4JZXYB-d8Q/channels?disable_polymer=true

Thursday, September 25, 2014

मंगल परिक्रमा मिशन: ग्रह के प्रथम चित्र

मंगल परिक्रमा मिशन: ग्रह के प्रथम चित्र
मंगल से मंगलयान ने भेजी भारत के लिए पहली तस्‍वीर भारत के मंगल परिक्रमा मिशन (मंपमि/एमओएम) ने पहले ही प्रयास में लाल ग्रह की कक्षा में स्थापित होने का नया इतिहास रचने के दूसरे दिन आज मंगल ग्रह के प्रथम चित्र भेजे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने लाल ग्रह के चित्रों के साथ ट्विट किया, ''मंगल के प्रथम चित्र, 7300 किलोमीटर की ऊंचाई से ...वहां का दृश्य सुंदर है।’’ अंतरिक्ष यान ‘‘मंगलयान’’ इस समय कक्षा में मंगल ग्रह का चक्कर लगा रहा है और मंगल ग्रह से इसकी न्यूनतम दूरी 421.7 किलोमीटर है तथा अधिकतम दूरी 76,993.6 किलोमीटर है। इसरो ने यह जानकारी दी।
भारत के मार्स ओर्बिटर मिशन ने लाल ग्रह मंगल की पहली तस्वीरें भेजींकक्षा का झुकाव मंगल ग्रह की भूमध्यवर्ती क्षेत्र में 150 डिग्री के वांछित स्तर पर है। इस कक्षा में मंगलयान को मंगल ग्रह का एक चक्कर लगाने में 72 घंटे, 51 मिनट और 51 सेकेंड का समय लगता है। इसरो की विज्ञप्ति के अनुसार आने वाले सप्ताहों में मंगलयान के पांच वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करते हुए अंतरिक्ष यान का मंगल ग्रह की कक्षा में पूरा परीक्षण किया जाएगा। इसे भी देखें -

भारत का मंगलकार्य सफल

भारत का मंगलकार्य सफल 
युदस: विश्व गुरु सार्थक हुआ, भारत के वैज्ञानिकों ने इतिहास रचा, युग दर्पण ने चोपाई की नई व्याख्या: मंगल भुवन अमंगल हारी अर्थात जो मंगल करता है वे मंगल की कृपा पाने में प्रथम बार में सफल हुए, जो अमंगल करता थे, वो हारते रहे।
अंतरिक्ष यात्रा 10 माह विडिओ में दर्शाया गया :-
https://www.youtube.com/watch?v=lMmyEJiOB-8&index=17&list=PLD8A212A480412E57
9 माह 23 दिवस की अंतरिक्ष यात्रा, का मार्ग। .... 
मंपमि .... प्रक्षेपित किया गया था। यह एक दिसंबर को पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र को पार कर गया था।
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सबसे आकर्षक ब्लॉग. ग्रह, उपग्रह, और ब्रह्माण्ड विज्ञान के बारे में.

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