बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: : what's App no 9971065525 DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं CD-Live YDMS चुनावदर्पण https://www.youtube.com/channel/UCjS_ujNAXXQXD4JZXYB-d8Q/channels?disable_polymer=true
Showing posts with label जीसैट-18. Show all posts
Showing posts with label जीसैट-18. Show all posts

Thursday, October 6, 2016

भारत का संचार उपग्रह जीसैट-18 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित

भारत का संचार उपग्रह जीसैट-18 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित 
भारत का संचार उपग्रह जीसैट-18 सफलतापूर्वक प्रक्षेपिततिलक नदि। बेंगलूरू से प्राप्त विज्ञप्ति के अनुसार भारत का नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-18 फ्रेंच गुआना के कोउरू अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया, जिससे देश की संचार सेवाओं में दृढ़ता आएगी। जीसैट-18 आगामी दिनों में टेलीविजन, दूरसंचार, वीसैट और डिजिटल उपग्रह समाचार एकत्र करने जैसी सेवाएं प्रदान करेगा। प्रक्षेपण में एक दिन के विलंब के बाद यूरोपीय प्रक्षेपक रॉकेट एरियन-5 वीए-231 भारतीय समयानुसार मध्य रात्रि दो बजे अंतरिक्ष के लिए प्रस्थान हुआ और 32 मिनट सेकुछ अधिक की त्रुटिरहित उड़ान में अपने साथ गए सहयात्री स्काई मस्टर..2 उपग्रह का चक्कर लगाने के बाद उच्च शक्ति वाले जीसैट-8 को अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया। साथ गया स्काई मस्टर-2 उपग्रह ऑस्ट्रेलियाई परिचालक एनबीएन (नेशनल ब्रॉडबैंड नेटवर्क) से संबद्ध है। इसका प्रक्षेपण तो बुधवार को किया जाना था, किन्तु कोउरू में मौसम खराब होने के कारण से इसे 24 घंटे के लिए टाल दिया गया था। 
कोउरू दक्षिणी अमेरिका के उत्तर-पूर्व में स्थित एक फ्रांसीसी क्षेत्र है। जीसैट-18 ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वर्तमान में परिचालित 14 संचार उपग्रहों के बेड़े को दृढ़ता प्रदान की है। इसे ‘जिओसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट’ में प्रक्षेपित किया गया। उपग्रह के प्रक्षेण यान से विमुख होते ही कर्नाटक के हासन स्थित मुख्य नियंत्रण केंद्र ने तत्काल इसका सञ्चालन और निंयत्रण अपने हाथों में ले लिया। बेंगलूरू मुख्यालय से इसरो ने कहा कि उपग्रह की प्रारंभिक जांच में पता चला कि इसकी स्थिति ‘‘सामान्य’’ है। इसरो ने कहा, ‘‘32 मिनट 28 सेकंड की उड़ान के बाद जीसैट-18 एरियन-5 से अलग होकर भूमध्य रेखा के छह डिग्री कोण पर 251.7 किमी की पेरिजी (पृथ्वी से निकटतम बिन्दु) और 35,888 किलोमीटर की एपोजी (पृथ्वी से दूरस्थ बिन्दु) पर दीर्घवृत्ताकार जिओसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में उपरी चरण पर चला गया ।’’ 
देखें - https://www.youtube.com/watch?v=0Yt4aB3qcyE&index=49&list=PLD8A212A480412E57 
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीसैट..18 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई दी। 
तिलक नदि। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘संचार उपग्रह जीसैट-18 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो को बधाई। हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए यह एक और मील का पत्थर है।’’ राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा गया, ‘‘संचार उपग्रह जीसैट-18 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को हार्दिक बधाई।’’ इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने ‘‘एकदम सटीक’’ प्रक्षेपण के लिए एरियनस्पेस की सराहना करते हुए कहा, ‘‘जीसैट-18 हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपग्रह है जो पुराने होते वर्तमान उपग्रहों को बदलकर हमारे देश में महत्वपूर्ण संचार सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने में हमें सक्षम बनाएगा।’’ 
जीसैट-18 यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा प्रक्षेपित किया जाने वाला इसरो का 20वां उपग्रह है तथा एरियनस्पेस प्रक्षेपक के लिए यह 280वां मिशन है। अपने भारी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए एरियन-5 रॉकेट पर निर्भर इसरो इस उद्देश्य के लिए जीएसएलवी एमके-3 विकसित कर रहा है। प्रक्षेपण के समय 3,404 किलोग्राम भार रखने वाला जीसैट-18 नॉर्मल सी बैंड, अपर एक्सटेंडेड सी बैंड और केयू बैंडों में सेवा प्रदान करने के लिए 48 संचार ट्रांसपोंडर लेकर गया है। मिशन नियंत्रण केंद्र से प्रक्षेपण देखने वाले इसरो प्रमुख प्रक्षेपण के तुरंत बाद चले गए और उनका संदेश बाद में उनके एक सहकर्मी ने पढ़कर सुनाया। 
सी बैंड, विस्तारित सी बैंड और केयू बैंडों में परिचालित उपग्रहों की सेवाओं की निरंतरता उपलब्ध कराने के लिए प्रारूपित किया गया जीसैट-18 उपग्रह प्रायः 15 वर्ष के सेवा मिशन पर गया है। इसरो ने कहा कि आगामी दिनों में जीसैट-18 को उपग्रह की प्रणोदक प्रणाली का चरणों में उपयोग कर भूस्थतिक कक्षा (भूमध्य रेखा से 36 हजार किमी ऊपर) में पहुंचाने के लिए इसे कक्षा में ऊपर उठाने का कार्य किया जाएगा। इसने कहा कि जीसैट-18 के दो सौर पैनल और दोनों एंटीना परावर्तक इसे कक्षा में उपर उठाने के बाद तैनात किए जाएंगे। उपग्रह को भूस्थतिक कक्षा में 74 डिग्री पूर्वी देशान्तर पर और इसे भारत के परिचालित भूस्थतिक उपग्रहों के साथ स्थापित किया जाएगा। इसके बाद, इसरो जीसैट-18 के साथ गए संचार उपग्रहों पर प्रायोगिक कार्य करेगा और कक्षा संबंधी सभी परीक्षण पूरे होने के बाद उपग्रह परिचालन उपयोग हेतु तैयार हो जाएगा। जीसैट-18 का सहयात्री स्काई मस्टर-2 कैलिफोर्निया के पालो आल्टो स्थित एएसएल (स्पेस सिस्टम्स लोराल) द्वारा निर्मित किया गया है। यह डिजिटल अंतराल को पाटने पर केंद्रित है, विशेष कर ऑस्ट्रेलिया के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में। आगामी वर्ष के आरम्भ में एरियनस्पेस इसरो के दो और उपग्रहों- जीसैट-17 तथा जीसैट-11 का भी प्रक्षेपण करेगा। कुमार ने कहा, ‘‘इन उपग्रहों का प्रक्षेपण संबंधी कार्य उच्च चरण में है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जीसैट 17 हमारे उपग्रहों को बदलने के लिए एक महत्वपूर्ण उपग्रह है और जीसैट 11 ‘हाई थ्रूपुट’ उपग्रह की इसरो की पहली पीढ़ी होगा। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए ये दोनों आगामी प्रक्षेपण महत्वपूर्ण हैं।'' 
Antariksha Darpan. the most fascinating blog. About planet, sattelite & cosmology. सबसे आकर्षक ब्लॉग. ग्रह, उपग्रह, और ब्रह्माण्ड विज्ञान के बारे में.