बिकाऊ मीडिया -व हमारा भविष्य

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611: : what's App no 9971065525 DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं CD-Live YDMS चुनावदर्पण https://www.youtube.com/channel/UCjS_ujNAXXQXD4JZXYB-d8Q/channels?disable_polymer=true

Friday, August 1, 2014

मंगल अभियान

मंगल अभियान 
मंगल कक्षित्र अभियान भारत का प्रथम अंतरग्रहीय अभियान है। मंगल अभियान के उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: 
1. 1350 कि.ग्रा. द्रव्यमान के एक मंगल कक्षित्र अंतरिक्षयान का निर्माण। 
2. भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचक राकेट, पी एस एल वी – एक्स एल द्वारा मंगल कक्षित्र अंतरिक्षयान का प्रक्षेपण। 
3. पृथ्वी की कक्षा से 300 दिनों की यात्रा के बाद सितंबर, 2014 तक अंतरिक्षयान को मंगल ग्रह के आसपास 366 कि.मी. x 80,000 कि.मी. की दीर्घवृत्ताकार कक्षा में स्थापित करना। 
मंगल ग्रह के आसपास अंतरिक्षयान की कक्षीय कालावधि के मध्य अंतरिक्षयान में रखे वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करते हुए मंगल सतह के गुणों, आकृतिविज्ञान, खनिजविज्ञान और मंगल के वातावरण का अध्ययन करना। 
मंगल अभियान की कुल लागत रु. 450 करोड़ है, जिसमें मंगल कक्षित्र अंतरिक्षयान, प्रमोचक राकेट और भू-खंड के निर्माण पर आई लागत भी शामिल है। 
वत समय, मंगल कक्षित्र अंतरिक्षयान मंगल ग्रह की ओर अपने पथ पर आगे बढ़ रहा है। 24 सितंबर, 2014 को अंतरिक्षयान के अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने की संभावना है। मंगल कक्षित्र अभियान से देश की प्रौद्योगिकी की उन्नयन संभव होगा। यह देश के वैज्ञानिक समुदाय के लिए ग्रहीय अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेगा। यह युवा मस्तिष्क में राष्ट्रीय गौरव तथा उत्तेजना का सृजन करेगा।
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। (31.7.14, 31-जुलाई, 2014)
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